शिक्षित परिवार ने लिया मृत्युभोज नहीं करने का निर्णय,मिल रही हैं सराहना

संवाददाता मनोहर लाल पंवार
बायतु । मृत्युभोज एक सामाजिक बुराई है।इस सच को अंगीकार करने के लिए दिल को मजबूत,लोकलाज को। दरकिनार की पहल जरूरी हैं। किसी भी कुरीति एवं बुराई को छोड़ने की शुरुआत खुद करें तो समाज को भी सम्बल प्रदान कर जाती हैं। ऐसी ही पहल सेवनियाला गांव निवासी सोनाराम,जेठाराम,फूसाराम, हेमंत तंवर ने की है। इन्होंने अपने पिताजी के स्वर्गवास के बाद समाज हित मे मृत्युभोज नहीं करने का निर्णय लिया है जो इस सामाजिक कुरीति को खत्म करने की मुहिम में कारगर पहल है।
ग्रामीणों व शिव पूर्व प्रधान उदाराम मेघवाल ने कहा कि ऐसा साहसिक निर्णय लेने से दूसरे लोगों का हौसला बढ़ेगा और ऐसे ही इस सामाजिक बुराई से समाज मुक्त होगा।सोनाराम तंवर ने कहा कि सभी युवाओं व समाज बंधुओ से अपील करता हूँ कि इस कुरीति को मिटाने के अभियान में भागीदारी सुनिश्चित करने की बात कही।
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