राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाइड के तत्वाधान में शहीद राउमावि शहर में पौधारोपणकर पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश
संवाददाता मनोहर लाल पंवार
बायतु। जिला मुख्यालय बालोतरा व बाड़मेर के सीओ स्काउट योगेन्द्र सिंह राठौड़ के निर्देशन में ,आरपी भंवरलाल गोदारा की उपस्थिति में तथा प्रधानाचार्य अचलाराम व स्काउट यूनिट लीडर नरपत राम जांगिड़ के मार्गदर्शन में शहीद प्रेमसिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय शहर में पौधारोपण किया गया।
पौधारोपण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भंवरलाल गोदारा ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि की पेड़ पौधें हमारे जीवन का आधार है। हर व्यक्ति को हर साल कम से कम एक पौधा अवश्य लगवाना चाहिए तथा पौधों को पेड़ बनने तक की जिम्मेदारी ले।
पेड़-पौधे लगाना हमें कई मूल्यवान सबक सिखाता है,
1. धैर्य: एक बीज बोना और उसके विकसित होने की प्रतीक्षा करना हमें धैर्य रखना और लाभ प्राप्त करने के लिए सही समय की प्रतीक्षा करना सिखाता है।
2. जिम्मेदारी: एक पौधे की देखभाल करना हमें जिम्मेदार होना और पोषण करना सिखाता है।
3. विकास: किसी पौधे को बढ़ते हुए देखना हमें वृद्धि और विकास की प्रक्रिया के बारे में सिखाता है।
4. दृढ़ता: कीड़ों, बीमारियों और मौसम जैसी चुनौतियों से निपटना हमें दृढ़ रहना और समाधान ढूंढना सिखाता है।
5. परस्पर जुड़ाव: पौधे हमें प्रकृति से हमारे जुड़ाव और पर्यावरण के साथ सद्भाव में रहने के महत्व की याद दिलाते हैं।
6. जीवन के चक्र: पौधे हमें जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म के चक्रों के बारे में सिखाते हैं।
7. निस्वार्थता: पौधे बदले में कुछ भी अपेक्षा किए बिना ऑक्सीजन, छाया और सुंदरता प्रदान करते हैं, हमें निस्वार्थता और प्रकृति को वापस लौटाने के बारे में सिखाते हैं।
8. अनुकूलन क्षमता: पौधे विभिन्न वातावरणों के अनुकूल ढल जाते हैं, जो हमें लचीला होना और नई परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाना सिखाते हैं।
9. कृतज्ञता: फलों और फूलों की कटाई हमें प्राप्त आशीर्वादों की सराहना करना और आभारी होना सिखाती है।
10. विरासत: भावी पीढ़ियों के लिए पेड़ लगाना हमें एक स्थायी विरासत छोड़ने और हमारे कार्यों के दीर्घकालिक प्रभाव के बारे में सोचने के बारे में सिखाता है।
पेड़-पौधे लगाने से कई मूल्यवान सबक मिलते हैं जिन्हें हमारे दैनिक जीवन में लागू किया जा सकता है!
इस कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
प्रधानाचार्य अचलाराम, आरपी भंवरलाल गोदारा, व्याख्याता अनवर खान,व्याख्याता भूराराम गोदारा, अध्यापक सुनील शर्मा, जोगाराम लीलड़, बाबूराम चौधरी, प्रभजीत कौर,गणेश मेवाड़ा, हीरो कुमारी, नरपतराम जांगिड़, अरविंद कुमार मीणा, महेश कुमार मीणा,ताराचंद मेगवाल, हनुमानराम सारण, सिगरती चौधरी , बनवारी लाल, रमण कुमार गुर्जर सहित विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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