11 बार प्रयास करने बाद हासिल की सफलता, बने अध्यापक रखा, स्नेह मिलन समारोह व समाज की प्रतिभाओं को किया सम्मानित 

मोटाराम एक किसान थे अब इनकी उम्र लगभग 90 वर्ष व धर्मपत्नी सुंदर देवी की उम्र लगभग 85 वर्ष के हो चुके है इनके तीन पुत्रियां व छः पुत्र हैं जिसमें से दो पुत्र सरकारी सेवा मे सेवाएं दे रहे है।

Dec 29, 2023 - 15:04
Dec 29, 2023 - 15:30
 0  1.8k
11 बार प्रयास करने बाद हासिल की सफलता, बने अध्यापक रखा, स्नेह मिलन समारोह व समाज की प्रतिभाओं को किया सम्मानित 

समाज के लोगों को अफीम,शराब पीते देखकर बहुत दुःख होता है - उदाराम मेघवाल 

 मेघवाल ने समाज के लोगों को सम्बोधित कर कहा कि नशा मुक्ति व अपने बेटा-बेटी को जरूर पढ़ाए 

संवाददाता मनोहर लाल पंवार

बायतु। विधानसभा क्षेत्र के बाटाडू तहसील के ग्राम पंचायत रेवाली के निवासी बाबुलाल हेगड़े के सुपुत्र पारसमल हेगड़े का 11वीं बार प्रयास करके शिक्षा विभाग में अध्यापक लेवल-1 मैं सफलता की हासिल किया है। पारसमल ने रात्रि जागरण व दिन में स्नेह मिलन कार्यक्रम रखा जिसमें महर्षि खेजेन्द्र प्रकाश के मुख्य सांनिध्य में कार्यक्रम की विधिवत रूप से शुरू हुआ जिसके मुख्यातिथि राजस्थान मेघवाल समाज वेलफेयर सोसायटी के उपाध्यक्ष व पूर्व प्रधान उदाराम मेघवाल तथा ग्राम पंचायत सालगाराम हेगड़े रहे। तथा पारसमल ने समाज की प्रतिभाओं को आमंत्रित कर मुख्यातिथि द्वारा प्रतिभाओं का शाॅल व साफा पहनाकर सम्मानित किया। तथा पूर्व प्रधान ने मेघवाल समाज लोगों को सम्बोधित कर कहां की अफीम,डोडा,शराब, मृत्युभोज बंद करो व अपने बेटा-बेटी को पढ़ाकर हर क्षेत्र भेजो ताकि अपने समाज व गांव नाम रोशन कर बाबा साहेब का सपना साकार करे।जिससे आने वाली हर युवा पीढ़ी जागरूक होगी तथा समाज में मृत्युभोज, अफीम, डोडा, शराब पीकर नाम खराब न कर सके केवल ये फिजूल खर्चा है इसे पैसा व शरीर की बर्बादी है। इसे हर हाल में बंद करना चाहिए ताकि अपने घर, बेटा-बेटी को बड़ी से बड़ी शिक्षा प्राप्त करवा सके। जिसे अपने बेटा बेटी नौकरियां प्राप्त कर सकेंगे।

पारस ने बताया कि में साल 2017 से ही नौकरी की तैयारी में जुट गए थे. कई बार असफलता के बाद भी पारस का लक्ष्य था कि मैं सरकारी कर्मचारी बनूंगा आखिर में वे सफल हुए. पारस ने बताया कि साल 2018 से 20 तक उन्होंने बीएसटीसी ट्रेनिंग की तथा साल 2020 में शादी के एक साल बाद कोरोना काल में मेरी माता उगम देवी इस दुनिया में अलविदा हो गई थी इसलिए 1 साल तक पढ़ाई करने में मन नहीं लगता था व इसके बाद मेंने मेरी हिम्मत नहीं हारी तथा लगातार प्रयास जारी रखा।

मन में क्लियर की ठानी

मन में ठान लिया था कि एक ही प्रयास में एग्जाम क्लियर करके शिक्षा के क्षेत्र में सेवाएं देनी इसी सोच के साथ तैयारी शुरू की. रोज 6 से 8 घंटे तक पढ़ाई की तथा मोबाइल नॉलेज को शामिल किया उसी का नतीजा रहा।

पहले के जमाने में मोटाराम एक किसान होकर भी बच्चों को पढ़ाई करवाना एक बहुत बड़ी बात है।

"मोटाराम एक किसान थे अब इनकी उम्र लगभग 90 वर्ष व धर्मपत्नी सुंदर देवी की उम्र लगभग 85 वर्ष के हो चुके है इनके तीन पुत्रियां व छः पुत्र हैं जिसमें से दो पुत्र सरकारी सेवा मे सेवाएं दे रहे है।"

चार बेटे किसान- हड़ोताराम, हरजीराम, बाबुलाल, अमृतलाल तथा दो बेटे सरकारी कर्मचारी - जेठाराम, राजस्थान पुलिस भर्ती 1998 में चयन हुआ था। अब हैड कांस्टेबल पद पर रिको थाना बाड़मेर में सेवाएं दे रहे हैं। व लुणाराम, राजस्थान पुलिस भर्ती 2001 में चयन हुआ था जो अब हैड कांस्टेबल पद पर थाना बोरानाडा जोधपुर में सेवाएं दे रहे हैं। 

समाज की इन प्रतिभाओं को किया सम्मानित 
किरताराम पंवार नागदड़ा, अशोक बामणिया सियाणी, मनोज पंवार बायतु, रेवन्ता राम पंवार नागदड़ा,योगेश बोस बिशाला,चिमाराम मेनसा चौहटन, गोरखाराम वणल भाडखा,कैलाश बोस बिशाला,पुजा कोडेचा भीमडा़ को सम्मानित कर हौसला अफजाई किया। 

महर्षि खेजेन्द्र प्रकाश ने बताया कि शराब,अफीम पीने से समाज में क्या संदेश जाता हैं ? 

नशा प्रवर्ति जघन्य पदार्थ हैं जिनका सेवन सामाजिक, आर्थिक, और स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकता है। इनका अत्यधिक सेवन आर्थिक और सामाजिक समस्याओं का कारण बन सकता है साथ ही सामाजिक और आर्थिक पर्यावरण पर बुरा प्रभाव होता है।

सेहत सम्बन्धी समस्याएं: शराब और अफीम का अत्यधिक सेवन सेहत को नुकसान पहुंचा  है, जैसे कि लिवर रोग, हृदय संबंधित समस्याएं, तंतुरुचि, तंतुमंडल और मानसिक समस्याएं।

सामाजिक समस्याएं: शराब और अफीम का असंयमित सेवन सामाजिक समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि परिवार में विवाद, संबंधों में कठिनाई, और समाज में अवसाद।

आर्थिक समस्याएं: शराब और अफीम का अत्यधिक सेवन आर्थिक समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि धन की असमान वितरण, नौकरी की हानि, या बचत में कठिनाई।

समाज में नकरात्मक प्रभाव: शराब और अफीम का सामाजिक और आर्थिक पर्यावरण पर नकरात्मक प्रभाव हो सकता है और इससे समाज में अविश्वास, असुरक्षा, और अस्तित्व में कमी हो सकती है।

इन तत्वों के संबंध में सावधानी बरतना और सही तथा सकारात्मक सोच अपनाना समाज के लिए महत्वपूर्ण है।

इनको रोकने के लिए क्या करें?
शराब और अफीम के सेवन को रोकने के लिए कई बिंदु हैं जो व्यक्ति अपना समर्थन ले सकता है:

जागरूकता: एक व्यक्ति को इस समस्या के प्रभावों के बारे में जागरूक होना चाहिए। सही जानकारी से युक्त होने पर व्यक्ति इस समस्या को समझ सकता है और उसे नियंत्रित करने के लिए प्रेरित हो सकता है।

परिवार और साथी समर्थन: परिवार और दोस्तों का समर्थन भी बहुत महत्वपूर्ण है। जब कोई इस समस्या से बाहर निकलने का प्रयास कर रहा है, तो परिवार और साथीयों का समर्थन उसके लिए बहुत मददगार हो सकता है।

पेशेवर सहायता: यदि इस समस्या का सामना करने वाला व्यक्ति इसे नियंत्रित करने में सक्षम नहीं है, तो पेशेवर सहायता लेना महत्वपूर्ण हो सकता है। एक पेशेवर काउंसलर, प्साइकियेट्रिस्ट या समस्या से निपटने में मदद करने वाला कोच सहायक हो सकते हैं।

स्वस्थ जीवनशैली: स्वस्थ और नियमित जीवनशैली अपनाना भी मददगार हो सकता है। योग, ध्यान, और नियमित व्यायाम करना मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है और सेवन की इच्छा को कम कर सकता है।

समर्थन समूह: समर्थन समूहों या समुदायों का समर्थन भी महत्वपूर्ण हो सकता है, जो ऐसे लोगों के साथ संवाद और समर्थन का स्रोत बन सकते हैं।

इन बिंदुओं का समर्थन लेकर व्यक्ति सकारात्मक रूप से इस समस्या का सामना कर सकता है और स्वस्थ, सकारात्मक जीवन की दिशा में कदम बढ़ा सकता है।

शिक्षा से क्या-क्या प्राप्त कर सकते हैं?

शिक्षा का महत्व जीवन के विभिन्न पहलुओं में होता है और यह व्यक्ति को कई तरह के लाभ प्रदान करती है. यहां कुछ मुख्य लाभों की चर्चा की जा रही है:

ज्ञान और समझदारी: शिक्षा व्यक्ति को ज्ञान और समझदारी प्रदान करती है, जिससे उसे अपने आसपास की दुनिया को समझने में मदद मिलती है।

व्यक्तिगत विकास: शिक्षा व्यक्ति के व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देती है, जैसे कि स्वयं-नियंत्रण, समय प्रबंधन, और सामाजिक कौशल।

आध्यात्मिक विकास: शिक्षा व्यक्ति को आध्यात्मिक विकास की दिशा में मदद कर सकती है, जिससे वह अपने जीवन का उद्दीपन और महत्वपूर्णी समझ सकता है।

रोजगार संबंधित लाभ: शिक्षा व्यक्ति को अधिक समर्थ बनाती है और उसे उच्चतम शिक्षा और रोजगार के अवसरों का लाभ उठाने में मदद कर सकती है।

सामाजिक समर्थन: शिक्षा से सम्बंधित ज्ञान और कौशल से व्यक्ति को समाज में समर्थन प्राप्त होता है और वह अधिक समर्थ होता है कि वह अपने समाज में योगदान करे।

समृद्धि और आर्थिक उत्तरदात्री: शिक्षा से व्यक्ति को अधिक योग्यता हासिल होती है जो उसे अच्छे रोजगार के लिए योग्य बनाती है, जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।

समसामयिक परिप्रेक्ष्य: शिक्षा व्यक्ति को समसामयिक परिप्रेक्ष्य में समझदारी प्रदान करती है और उसे समाज में सकारात्मक रूप से योगदान करने में मदद करती है।

स्वास्थ्य लाभ: शिक्षा स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी लाभकारी हो सकती है, क्योंकि शिक्षित लोग स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हैं और स्वस्थ रहने के लिए जागरूक होते हैं।

इस प्रकार, शिक्षा व्यक्ति के व्यक्तिगत और सामाजिक विकास को समर्थन करने में मदद करती है और उसे अधिक सशक्त और समर्थनीय बनाती है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow