अयोध्या राम मंदिर: उत्तर और दक्षिण भारतीय वास्तुकला का एक सुंदर मिश्रण!
अयोध्या के राम मंदिर में नागर और द्रविड़ वास्तुकला के अद्वितीय मिश्रण की खोज करें। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की एकता और विविधता का अन्वेषण करें।

2024 में भारत के अयोध्या में एक अनोखा मंदिर बनाया जा रहा है. राम मंदिर कहा जाने वाला यह मंदिर इसलिए खास है क्योंकि इसमें भारतीय वास्तुकला की दो अलग-अलग शैलियों का मिश्रण है।
सबसे पहले: राम मंदिर वास्तुकला की नागर शैली का अनुसरण करता है। यह शैली उत्तरी भारत में पाई जाती है। नागर शैली में, मंदिर एक चबूतरे पर बना है और इसमें एक ऊंचा टॉवर है जिसे शिखर कहा जाता है।
दूसरे: राम मंदिर में द्रविड़ वास्तुकला के तत्व भी हैं। यह शैली दक्षिण भारत की मूल निवासी है। द्रविड़ शैली अपनी बड़ी दीवारों और प्रवेश द्वारों और मंदिर परिसर के अंदर एक पानी की टंकी के लिए जानी जाती है।
राम मंदिर सिर्फ पूजा स्थल नहीं है. यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की एकता और विविधता का भी प्रतीक है। तो, अगली बार जब आप अयोध्या जाएँ, तो इस अद्भुत मंदिर को देखना न भूलें!
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