हरीश चौधरी ने विधानसभा मेंJNVU जोधपुर के अलग दो टुकड़े कर खोले गए एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज को मर्ज करने की उठाई मांग
हरीश चौधरी ने विधानसभा मेंJNVU जोधपुर के अलग दो टुकड़े कर खोले गए एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज को मर्ज करने की उठाई मांग

संवाददाता मनोहर लाल पंवार
जोधपुर: राजस्थान विधानसभा में शून्यकाल के दौरान सदन को संबोधित करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री व बायतु विधायक ने कहा कि 2021 में जयनारायण व्यास विश्वविधालय से अलग तोड़कर जमीन व भवनों के दो टुकड़े कर अलग एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज को विश्वविधालय बनाये जाने का फैसला लिया गया जो न्यायोचित नहीं था। उन्होंने कहा कि जब एमबीएम विश्वविद्यालय बनाया गया तो कई कुतर्क दिए गए, जैसे- इसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा, एल्यूमनाई एसोसिएशन वित्तीय सहायता देगी, लेकिन आज दोनों विश्वविद्यालय अंतिम सांसें ले रही है। वहां की कक्षाओं का सन्नाटा हमारे युवाओं के भविष्य का सन्नाटा हैं. वहां के प्रोफेसर अपनी पेंशन के लिए फुटपाथ पर है।
हरीश चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय का मूल कार्य शोध होता है, लेकिन आज दोनों विश्वविद्यालयों में शोध कार्य नहीं हो रहे हैं. शैक्षणिक कार्य भी नहीं हो रहे हैं। सिर्फ परीक्षाओं के नाम पर ही यह संस्थान चल रहे हैं। चौधरी ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि एमबीएम विश्वविद्यालय को विलोपित करने के लिए प्रस्ताव लेकर आएं और इससे वापस मर्ज करने की मांग की है। साथ ही दोनों इंजीनियरिंग कॉलेज को विश्वविधालय बनाया है तो दोनों में समकक्ष संकाय चलेगें तो नई यूनिवर्सिटी का कोई फायदा नहीं है। सरकार ने सेंटर फॉर एक्सिलेंसी के आधार पर यूनिवर्सिटी बनाई, लेकिन सरकार ने उसके लिए एक कदम भी नहीं उठाया। हरीश चौधरी नें कहा कि दोनों विश्वविधालयों को वापस मर्ज कर एक्ट 2021 को विधानसभा में लेकर खत्म कर जय नारायण व्यास विश्वविधालय नाम से एक ही विश्वविधालय हो जिससे यहाँ रिचर्स, नियमित शिक्षण गतिविधियां, दूसरे प्रोफेसरों की नियुक्ति समय पर हो सके। चौधरी ने कहा कि यूनिवर्सिटी अलग बना दी लेकिन आज तक एक भी प्रोफेसर की भर्ती नहीं की गई है। इसी तरह हरीश चौधरी ने JNVU के प्रोफेसर, टीचर्स व कर्मचारियों के लिए पेंशन की व्यवस्था राज्य सरकार करें जिससे विश्वविधालयों की आर्थिक में सुधार आ सकें।
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