भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, AMU का राष्ट्रीय महत्व अल्पसंख्यक दर्जे से अधिक है
भारत सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में तर्क दिया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को इसके राष्ट्रीय महत्व के कारण अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जा सकता है।

भारत सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में तर्क दिया है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को इसके राष्ट्रीय महत्व के कारण अल्पसंख्यक संस्थान नहीं माना जा सकता है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि एएमयू, जिसकी स्थापना 1875 में हुई थी, हमेशा राष्ट्रीय महत्व का संस्थान रहा है और यह किसी विशेष धर्म या धार्मिक संप्रदाय का विश्वविद्यालय नहीं हो सकता है। उन्होंने आगे तर्क दिया कि एएमयू को अपने धर्मनिरपेक्ष मूल को बनाए रखना चाहिए और पहले राष्ट्र के व्यापक हित की सेवा करनी चाहिए।
यदि एएमयू को "अल्पसंख्यक संस्थान" घोषित किया जाता है, तो इसे केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम, 2006 (2012 में संशोधित) की धारा 3 के तहत आरक्षण नीति को लागू करने से छूट दी जाएगी, जिससे एक अलग प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। केंद्र का मानना है कि यह राष्ट्र के सर्वोत्तम हित में नहीं होगा।
एएमयू वर्तमान में शिक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क-2023 द्वारा भारत में विश्वविद्यालयों और स्वायत्त संस्थानों में नौवें स्थान पर है।
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