विकसित भारत संकल्प यात्रा,ग्राम पंचायत नगोणियों धतरवालों की ढाणी बायतु में आयोजित हुआ शिविर

बायतु में आयोजित शिविर का उद्घाटन समाजसेवी बीजेपी नेता बालाराम मूढ़ ने किया। कार्यक्रम में उपखंड अधिकारी विवेक व्यास, विकास अधिकारी रामराज, ग्राम पंचायत नगोणियों धतरवालों की ढाणी के पूर्व सरपंच बाबूसिंह धतरवाल,स्वागत समिति के सदस्य, विभागीय अधिकारी, कर्मचारियों एवं लाभार्थियों द्वारा पूरे उत्साह के साथ भाग लिया।

Dec 18, 2023 - 08:38
Dec 18, 2023 - 08:58
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विकसित भारत संकल्प यात्रा,ग्राम पंचायत नगोणियों धतरवालों की ढाणी बायतु में आयोजित हुआ शिविर

सवांददाता मनोहर लाल पंवार 

बायतु - विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत नगोणियों धतरवालों की ढाणी में विकसित भारत संकल्प यात्रा शिविर का आयोजन किया गया जिसमें ग्राम पंचायत के सभी ग्रामवासियों ने विभिन्न योजनाओं के बारे में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया तथा विभिन्न योजनाओं का  पंजीकरण करवाया गया, भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का अंतिम छोर तक प्रचार, प्रसार एवं पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बहुआयामी 'विकसित भारत संकल्प यात्रा' के तहत रविवार को बायतु में शिविर का आयोजन किया गया। विकसित भारत संकल्प यात्रा' के तहत केंद्र सरकार की प्रमुख जनकल्याणकारी कार्यक्रमों से संबन्धित जन जागरूकता संदेश को लेकर बायतु उपखण्ड स्तर पर शिविर का आयोजन किया गया।
बायतु में आयोजित शिविर का उद्घाटन समाजसेवी बीजेपी नेता बालाराम मूढ़ ने किया। कार्यक्रम में उपखंड अधिकारी विवेक व्यास, विकास अधिकारी रामराज, ग्राम पंचायत नगोणियों धतरवालों की ढाणी के पूर्व सरपंच बाबूसिंह धतरवाल,स्वागत समिति के सदस्य, विभागीय अधिकारी, कर्मचारियों एवं लाभार्थियों द्वारा पूरे उत्साह के साथ भाग लिया।

 कार्यक्रम के दौरान भारत सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं से संबन्धित ऑडियो-विजुअल सामग्री एवं ब्रोशर, पैम्फलेट और बुकलेट तथा लोक सांस्कृतिक कार्यक्रमों आदि के माध्यम से जिलेवासियों को योजनाओं के प्रति जागरूक किया गया। साथ ही तुरन्त मौके पर वंचित पात्र व्यक्तियों को संबन्धित योजनाओं से जोड़ा भी गया। उसवक्त बायतु विधानसभा के बीजेपी नेता बालाराम मूढ़ ने कहा कि मैं नयी सरकार से मांग करके आपके ग्राम पंचायत के हर आमजनता तक योजनाएं का लाभ दिलाऊंगा
 इस दौरान 'धरती कहे पुकार के' का स्वच्छता गीत का बाल कलाकारों द्वारा गायन किया गया। वहीं भारत को विश्व के विकसित राष्ट्रों में अग्रणी राष्ट्र के तौर पर शुमार करने में जिलेवासियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ‘विकसित भारत संकल्प’ की शपथ भी दिलाई गई। साथ ही आमजन के स्वास्थय के प्रति जागरूक करते हुए शिविर स्थल पर टी बी जांच की गई।

पूर्व सरपंच ने खेलकूद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को सम्मानित किया ।

विकसित भारत क्या है ?

"विकसित भारत" एक सांकेतिक शब्द है जो भारत सरकार द्वारा अपनी नीतियों और प्रयासों का संक्षेपिक रूप से विवेचन करने के लिए उपयोग होता है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत को एक विकसित, समृद्ध और तकनीकी रूप से प्रगतिशील राष्ट्र में बदलना है। इस परियोजना का आरंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2014 में किया गया था।

"विकसित भारत" के कुछ मुख्य लक्ष्य हैं:

सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता: यह लक्ष्य भारतीय नागरिकों को सशक्त बनाने और राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में है।

इंफ्रास्ट्रक्चर विकास: भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत और प्रौद्योगिकी से समृद्ध करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में सुधार हो सके।

आर्थिक परिवर्तन: भारत सरकार ने आर्थिक विकास और गरीबी की हटाने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं जैसे कि जन धन योजना, गरीबी मुक्त भारत योजना, और अन्य।

शिक्षा: शिक्षा को मजबूत करने और सभी क्षेत्रों में समानता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न शिक्षा योजनाएं चलाई जा रही हैं।

स्वच्छ भारत: स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से सार्वजनिक स्वच्छता को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।

उद्यमिता की प्रोत्साहन: स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए और नौकरियां बनाने के लिए उद्यमिता को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।

विकसित भारत अभियान के तहत भारत सरकार ने कई संगठनों और योजनाओं की शुरुआत की है जिनका उद्देश्य राष्ट्र को सशक्त, समृद्ध, और सुरक्षित बनाना है।

संकल्प यात्रा का उद्देश्य

"संकल्प यात्रा" एक भारतीय सरकार की पहल है जिसका उद्देश्य देशवासियों को एक साझा लक्ष्य की ओर मोड़ने और समृद्धि की दिशा में उनके सहयोग और समर्थन को बढ़ावा देना है। इसका आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया है और यह अगस्त 2014 से शुरू हुआ है।

"संकल्प यात्रा" का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित है:

नए भारत का निर्माण: यह यात्रा भारत को एक नए और समृद्ध भविष्य की दिशा में मोड़ने के लिए है। इसमें राष्ट्र के विकास और समृद्धि के लिए सभी नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा देना शामिल है।

सशक्त और समर्थ नागरिक: यह यात्रा लोगों को सशक्त बनाने और समर्थ नागरिक बनाने के लिए है, जिससे वे अपने आत्मनिर्भर और सकारात्मक भविष्य की दिशा में कदम से कदम मिलाकर चल सकें।

विकास के लिए सामूहिक प्रयास: संकल्प यात्रा के माध्यम से सामूहिक संघर्ष और सामूहिक सहयोग को प्रोत्साहित किया जाता है ताकि लोग एक समृद्ध और विकसित समाज की दिशा में मिलकर काम कर सकें।

सामाजिक और आर्थिक समृद्धि: यह यात्रा सामाजिक और आर्थिक समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाने का प्रयास करती है, जिससे भारत समृद्धि और समृद्धि के मामले में आगे बढ़ सके।

स्वच्छता अभियान: संकल्प यात्रा के अंतर्गत स्वच्छता अभियान को भी प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि लोग स्वच्छता के माध्यम से अपने आस-पास के वातावरण का ध्यान रख सकें।

इस यात्रा के माध्यम से सरकार ने भारत की जनता को एक सामूहिक और समृद्ध भविष्य की दिशा में सकारात्मक रूप से काम करने के लिए प्रेरित किया है।

भारत को एक नए और समृद्ध भविष्य की दिशा में मोड़ने के लिए है। इसमें राष्ट्र के विकास और समृद्धि के लिए सभी नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा देना शामिल है।

सशक्त और समर्थ नागरिक: यह यात्रा लोगों को सशक्त बनाने और समर्थ नागरिक बनाने के लिए है, जिससे वे अपने आत्मनिर्भर और सकारात्मक भविष्य की दिशा में कदम से कदम मिलाकर चल सकें।

विकास के लिए सामूहिक प्रयास: संकल्प यात्रा के माध्यम से सामूहिक संघर्ष और सामूहिक सहयोग को प्रोत्साहित किया जाता है ताकि लोग एक समृद्ध और विकसित समाज की दिशा में मिलकर काम कर सकें।

सामाजिक और आर्थिक समृद्धि: यह यात्रा सामाजिक और आर्थिक समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाने का प्रयास करती है, जिससे भारत समृद्धि और समृद्धि के मामले में आगे बढ़ सके।

स्वच्छता अभियान: संकल्प यात्रा के अंतर्गत स्वच्छता अभियान को भी प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि लोग स्वच्छता के माध्यम से अपने आस-पास के वातावरण का ध्यान रख सकें।

इस यात्रा के माध्यम से सरकार ने भारत की जनता को एक सामूहिक और समृद्ध भविष्य की दिशा में सकारात्मक रूप से काम करने के लिए प्रेरित किया है।

NDKD के पूर्व सरपंच बाबूसिंह धतरवाल ने पुरानी संस्कृति व खान पान के बारे में बताया  

पुरानी संस्कृति को कभी भुलना नहीं चाहिए बिल्कुल, पुरानी संस्कृति को भूलना किसी भी समाज और समृद्धि के लिए स्वास्थ्यकर नहीं है। पुरानी संस्कृति एक समृद्ध और विविध धार्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक विरासत का हिस्सा होती है जो एक समाज की पहचान और एकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

पुरानी संस्कृति का महत्व है ?

ऐतिहासिक पहचान: पुरानी संस्कृति हमें अपने देश के इतिहास, साहित्य, कला, सिद्धांत, और समृद्धि के बारे में सीखने का मौका देती है। यह हमें अपने समृद्ध और विविध विरासत की सही समझ प्रदान करती है।

सांस्कृतिक समृद्धि: पुरानी संस्कृति समृद्धि और समृद्धि के सिद्धांतों का अद्वितीय स्रोत है। इससे हम जीवन को समृद्ध, सजीव, और सांस्कृतिक दृष्टि से देख सकते हैं।

सामाजिक एकता: पुरानी संस्कृति समृद्ध और एकता के सिद्धांतों का पालन करती है। इसमें समाज में विभिन्न वर्गों और समुदायों के बीच सामंजस्य और एकता को बढ़ावा देने का माध्यम होता है।

योगदान प्रणाली: पुरानी संस्कृति ने विभिन्न क्षेत्रों में योगदान किया है, जैसे कि विज्ञान, गणित, चिकित्सा, कला, और दर्शन। इससे हमें एक प्रगातिशील समाज की दिशा में बढ़ावा मिलता है।

आध्यात्मिकता: पुरानी संस्कृति आध्यात्मिक उन्नति और मानवीय मूल्यों की प्रमोशन में मदद करती है। यह हमें शांति, सांत्वना, और एक पूर्ण जीवन की दिशा में मार्गदर्शन करती है।

समृद्ध, सांस्कृतिक धरोहर, और ऐतिहासिक ज्ञान का सही उपयोग करके, हम पुरानी संस्कृति को आज के समय में भी महत्वपूर्ण रूप से सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक स्तर पर जीवित रख सकते हैं।

देशी खान-पान ?

देशी खानपान एक बहुत बड़ा और विविध विषय है जो भारतीय सांस्कृतिक समृद्धि, और पारंपरिक रसोई की अमूर्त सांस्कृतिकों को दर्शाता है। यह स्वास्थ्य, परंपरा, और स्वदेशी भावना को प्रोत्साहित करने का एक माध्यम भी है। यहां कुछ प्रमुख देशी खानपान के तत्व हैं:

दाल-चावल और रोटी: ये हमारे देश में बहुत प्रमुख आहार हैं और सबसे स्वस्थ भी हैं। दाल, चावल और रोटी से भरपूर पोषण मिलता है और इसमें फाइबर, प्रोटीन, और विटामिन्स होते हैं।

सब्जियां और फल: स्वदेशी सब्जियां और फल अपने क्षेत्र में उपलब्ध होते हैं और ये अच्छे स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त होते हैं।

दही और छाछ: ये प्रमुख देशी डेयरी उत्पाद हैं और गरमी में शारीरिक ताजगी बनाए रखने में मदद करते हैं।

गेहूं के अनाज: गेहूं के अनाज से बनी रोटियां, परांठे और अन्य गेहूं से बनी खाद्य पदार्थ भारतीय भोजन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

देशी मिठाइयां: देशी घी कि मिठाइयां जैसे कि लड्डू, जलेबी, गुलाब जामुन, बर्फी आदि भारतीय खानपान का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं तथा चाय और कॉफ़ी: चाय और कॉफ़ी भारतीय लोगों के बीच लोकप्रिय गर्म पेय हैं।

अन्न से बनी विभिन्न विधियों का आहार: पूरे भारत में अन्न से बनी विभिन्न विधियों का आहार लोकप्रिय है, जैसे कि दोसा, इडली, पूरी, चपाती, उत्तपम, पोहा, खिचड़ी, आदि।

देशी खानपान के तत्व स्वास्थ्य और स्वदेशी भावना को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं और इससे परंपरागत भारतीय रसोई को संरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं।

बाजरे की रोटी के फायदे ?

बाजरे की रोटी एक स्वस्थ और पौष्टिक आहार का हिस्सा है और इसके कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह भारतीय बाजारों में आसानी से उपलब्ध है और इसे आप अपने खाने का हिस्सा बना सकते हैं। यहां बाजरे की रोटी के कुछ मुख्य फायदे हैं:

पौष्टिक: बाजरे की रोटी में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन्स, और खनिज होते हैं जो सेहत के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह समृद्ध और पौष्टिक आहार प्रदान करती है और आपको ऊर्जा भरपूर करने में मदद करती है।

ग्लूटेन फ्री: बाजरे की रोटी ग्लूटेन से मुक्त होती है, जिससे व्यक्ति जो ग्लूटेन से प्रतिकृति रखते हैं, वे इसे स्वस्थता के लाभ के साथ खा सकते हैं।

शुगर कंट्रोल: बाजरे की रोटी का सेवन करने से खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे अवशोषित होते हैं, जिससे रक्त शर्करा का स्तर कंट्रोल में रहता है। इसलिए, डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है।

कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल: बाजरे की रोटी का सेवन करने से शरीर में चोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो सकता है, जिससे हृदय रोगों की संभावना कम होती है।

वजन नियंत्रण: बाजरे की रोटी में फाइबर होती है जो भूख को कम करने में मदद करती है और वजन नियंत्रित रखने में सहारा प्रदान करती है।

स्वास्थ्य के लिए अन्य लाभ: बाजरे में विटामिन्स B-complex, इरन, मैग्नीशियम, और जिंक होते हैं, जो शरीर के सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।

बाजरे की रोटी विभिन्न भागों में भारत में बनती है और इसे अपने आहार में शामिल करके आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।

इस दौरान विकसित भारत संकल्प यात्रा शिविर में ये रहे मौजूद
उपखंड अधिकारी विवेक व्यास, विकास अधिकारी रामराज,भाजपा नेता बालाराम मूढ़, पूर्व सरपंच बाबुसिंह धतरवाल, विभागीय अधिकारी, कर्मचारीगण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता,मोहन लाल बेरड़,रामलाल धतरवाल, रावताराम, हनुमान बेनीवाल, पन्नाराम, विशनाराम काकड़, लाखाराम जाखड़,मदन सोनी,हिराराम चौहान,सामुराम,रुगाराम लुम्भाराम सहित कई ग्रामीण लोगों की मौजूदगी रही।

कार्यक्रम में गर्भवती की हुई गोद भराई, दिया गया उपहार
 इस मौके पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने गर्भवती की हुई गोद भराई, दिया गया उपहार गर्भवती महिलाओं को उपहार के रूप में पोषण की पोटली भी दी गई। जिसमें गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल आदि शामिल थे। महिलाओं को उपहार स्वरुप पोषण की थाली भी दी गयी, जिसमें सतरंगी थाली व अनेक प्रकार के पौष्टिक पदार्थ शामिल थे। गर्भवती महिलाओं को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर महिलाओं की गोद भराई की रस्म पूरी की गई।गर्भवती  महिलाओं को अच्छे सेहत के लिए पोषण की आवश्यकता व महत्व के बारे में जानकारी दी गई। मालूम हो कि हर माह की 7 तारीख को यह गाेद भराई दिवस मनाया जाता है। गोद भराई रस्म में पोषक क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं अन्य महिलाओं ने भाग लिया। सेविकाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं के सम्मान में उसे चुनरी ओढ़ा उसे तिलक लगा और गर्भस्थ शिशु की बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए गोद में पोषण संबंधी पुष्टाहार फल सेव, संतरा, बेदाना, दूध, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन की गोली खाने की सलाह दी।  महिलाओं को गर्भधारण की पुष्टि हो जाय वे निकटतम स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सक के निगरानी में रहें तथा नियमित रूप से चेक-अप कराएं। उन्होंने गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण से लेकर बच्चे के जन्म तक बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया। आखिरी महीनों में शरीर को अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इस दौरान आहार में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट के साथ वसा की भी मात्रा का होना जरूरी होता है। महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना, मातृ शिशु सुरक्षा कार्ड, प्रसव पूर्व देखभाल, एनीमिया की रोकथाम व पौष्टिक आहार के संबंध में जानकारी दी।

गर्भवती को जागरूक करना है लक्ष्य :
 डॉ. ने  बताया कि इस प्रयास के पीछे उद्देश्य यह है कि जागरूकता की कमी और अभाव में गर्भवती महिलाओं में खून की कमी आ जाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान ध्यान न देने पर महिला कमजोर हो जाती हैं। जिसके कारण पैदा होने वाला बच्चा कमजोर होता है, जो कि कुपोषण का शिकार हो जाता है। ऐसी स्थिति न पैदा हो इसके लिए गर्भवती महिला को बेहतर देखभाल की जानकारी इस दिवस के मौके पर दी गई और पौष्टिक आहार लेने की सलाह दी गई।

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